Monday, April 30, 2012

1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद ऐसे क्षेत्र जो पहले सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्‍ठानों के ही अधिकार क्षेत्र में थे, वे निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए गए। इस प्रकार सीपीएसई को निजी क्षेत्र की घरेलू कम्‍पनियों (इनमें से ने कुछ बहुत तेजी से विकास किया) और बहुराष्‍ट्रीय बड़े निगमों (एमएनसी) से प्रतिस्‍पर्धा का सामना करना पडा। सीपीएसई जैसे भारतीय कपास निगम, आईटी आई लिमि‍टेड, मझगांव बंदरगाह लिमिटेड, एमएसटीसी लिमिटेड, एसटीसी लिमिटेड, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और भारत संचार निगम लिमिटेड के कारोबार में 2010-11 के दौरान अत्‍यधिक गिरावट आई। सीपीएसई जैसे एयर इंडिया लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, हिंदुस्‍तान फोटो फिल्‍मस एण्‍ड मेन्‍यूफेक्‍चरिंग कम्‍पनी लिमिटेड और ड्रग एण्‍ड फॉमेस्‍यूटिक्‍लस लिमिटेड को 2010-11 के दौरान घाटा उठाना पडा।

1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद ऐसे क्षेत्र जो पहले सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्‍ठानों के ही अधिकार क्षेत्र में थे, वे निजी क्षेत्र के लिए खोल दिए गए। इस प्रकार सीपीएसई को निजी क्षेत्र की घरेलू कम्‍पनियों (इनमें से ने कुछ बहुत तेजी से विकास किया) और बहुराष्‍ट्रीय बड़े निगमों (एमएनसी) से प्रतिस्‍पर्धा का सामना करना पडा। सीपीएसई जैसे भारतीय कपास निगम, आईटी आई लिमि‍टेड, मझगांव बंदरगाह लिमिटेड, एमएसटीसी लिमिटेड, एसटीसी लिमिटेड, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड और भारत संचार निगम लिमिटेड के कारोबार में 2010-11 के दौरान अत्‍यधिक गिरावट आई। सीपीएसई जैसे एयर इंडिया लिमिटेड, भारत संचार निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड, हिंदुस्‍तान फोटो फिल्‍मस एण्‍ड मेन्‍यूफेक्‍चरिंग कम्‍पनी लिमिटेड और ड्रग एण्‍ड फॉमेस्‍यूटिक्‍लस लिमिटेड को 2010-11 के दौरान घाटा उठाना पडा।
सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्‍ठान उच्‍चतर आर्थिक विकास, वस्‍तु और सेवाओं के उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भरता, अदायगी संतुलन में दीर्घकालिक समानता और निम्‍न एवं स्‍थायी मूल्‍यों के बृहत आर्थिक लक्ष्‍यों को पूरा करने के लिए गठित किये गये है। जहां पहली पंचवर्षीय योजना के समय कुल 29 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश के साथ मात्र पाँच केंद्रीय सार्वजनिक प्रतिष्‍ठान (सीपीएसई) थे, वहां 31 मार्च, 2011 को कुल 6,66,848 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 248 सीपीएसई हो गए। इनमें सात बीमा कम्‍पनियां शामिल नहीं है। पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान की गई पहल के परिणामस्‍वरूप हरित क्षेत्र परियोजनाओं के रूप में बड़ी संख्‍या में सीपीएसई गठित की गई है। जहां एक और राष्‍ट्रीय कपड़ा निगम, कोल इंडिया लिमिटेड (और उसकी सहायक कम्‍पनियां) जैसी सीपीएसई के राष्‍ट्रीकरण के परिणामस्‍वरूप निजी क्षेत्र से सरकारी अधिकार में ले ली गई है, वहां इंडियन पेट्रोकेमिकल्‍स कार्पोरेशन लिमिटेड, मॉडर्न फूड इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड, भारत एल्यूमिनियम कम्‍पनी और मारुति उद्योग लिमिटेड, जो पहले सीपीएसई थी, ने निजी करण के बाद सीपीएसई के रूप में काम करना बंद दिया।
सार्वजनिक क्षेत्र की अन्‍य प्रमुख कम्‍पनियों जैसे बैंकिंग क्षेत्र में भारतीय स्‍टेट बैंक, बीमा क्षेत्र में भारतीय जीवन बीमा निगम और परिवहन क्षेत्र में भारतीय रेल के सा‍थ-साथ्‍सीपीएसई भारत की अग्रणी कम्‍पनियां है। इनका अनेक क्षेत्रों जैसे पेट्रोलियम (उदाहरण के तौर पर कोल इंडिया लिमिटेड और एनएमडीसी), विद्युत उत्‍पादन (एनटीपीसी और एनएचपीसी) विद्युत ट्रांसमिशन (पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड), भारी इंजीनियरी (भेल), विमानन उद्योग (हिंदुस्‍तान एयरोनॉटिक्‍स लिमिटेड और एयर इंडिया लिमिटेड), भंडारण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (भारतीय खाद्य निगम और केंद्रीय भंडार निगम), जहाजरानी और व्‍यापार (भारतीय जहाजरानी निगम लिमिटेड और राज्‍य व्‍यापार निगम लिमिटेड) और दूरसंचार (बीएसएनएल और एमटीएनएल) में उल्‍लेखनीय बाजार शेयर है।

No comments:

Post a Comment