Wednesday, October 12, 2011

अंत्‍योदय अन्‍न योजना


अंत्‍योदय अन्‍न योजना
गरीबी रेखा से नीचे के परि‍वारों की 6.52 करोड़ की स्‍वीकृत संख्‍या, जि‍नमें लगभग 2.44 अंत्‍योदय अन्‍न योजना परि‍वार शामि‍ल हैं, के लि‍ए खाद्यान्‍नों (गेहूं और चावल) का आबंटन कि‍या जाता है । इन परि‍वारों के लि‍ए 35 कि‍लोग्राम प्रति‍परि‍वार प्रति‍माह की दर पर आबंटन कि‍या जाता है ।

2.50 करोड़ अंत्‍योदय अन्‍न योजना परि‍वारों की सीमा के अंदर राज्‍यों/संघ राज्‍य क्षेत्रों को अंतयोदय अन्‍न योजना परि‍वारों की पहचान करने के लि‍ए जारी दि‍शा-नि‍र्देशों के अनुसार सभी आदि‍म आदि‍वासी परि‍वार अंतत्‍योदय अन्‍न योजना परि‍वारों के रूप में पहचाने जाने के लि‍ए पात्र है । चूंकि‍अंत्‍योदय अन्‍न योजना परि‍वारों की वास्‍तवि‍क पहचान करना राज्‍य सरकारों/संघ राज्‍य क्षेत्र प्रशासनों की जि‍म्‍मेदारी होती है इसलि‍ए स्‍कीम के अधीन कवर कि‍ए गए आदि‍म आदि‍वासी परि‍वारों की संख्‍या के ब्‍यौरे इस वि‍भाग में नहीं रखे जाते हैं ।
राष्‍ट्रीय शीतागार विकास केन्‍द्र की स्‍थापना
केन्‍द्र सरकार देश में शीतागार शृंखला के विकास हेतु एक स्‍वायत्‍तशासी राष्‍ट्रीय शीतागार विकास केन्‍द्र स्‍थापित करने का विचार कर रही है । सरकार ने एक स्‍वायत्‍त संस्‍था के रूप में राष्‍ट्रीय शीत शृंखला विकास केन्‍द्र की स्‍थापना की है । इसे सोयायटी अधिनियम, 1860 के तहत वर्ष 2011 में एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया है ।

एनसीसीडी के अध्‍यादेश में शीत श्रृंखला क्षेत्र में दक्ष मानवश्रम की आवश्‍यकता को पूरा करने के लिए मानव संसाधन विकास कार्यक्रमों के अलावा ताजा फलों एवं सब्‍जियों सहित शीघ्र खराब होने वाली खाद्य वस्‍तुओं हेतु शीत शृंखला अवसंरचना के लिए तकनीकी मानक निर्धारित करना एवं उनका आवधिक संशोधन करना निहि है । एनसीसीडी में समितियां गठित की हैं , जो इस प्रकार हैं-

1. तकनीकी विनिर्देशन एवं मानक समिति
2. परियोजना तैयारी, मूल्‍यांकन एवं परियोजना प्रमाणीकरण समिति
3. प्रशिक्षण एवं एचआरडी समिति
4. अनु. एवं विकास समिति
5. परीक्षण प्रयोगशाला एवं उत्‍पाद प्रमाणीकरण समिति
6. शीत श्रृंखला अवसंरचना में गैर परम्‍परागत ऊर्जा स्रोतों का अनुप्रयोग

शीत शृंखला की स्‍थापना का एनएचएम, एनएचबी, एपीईडीए और एमओएफपीआई के कार्यक्रमों के माध्‍यम से समर्थन किया जा रहा है ।

सरकार ने एनसीसीडी की स्‍थापना के साथ-साथ शीत शृंखला अवसंरचना के सृजन हेतु ग्‍यारहवीं येाजना अवधि के लिए बजटीय प्रावधान के रूप में 25.00 करोड़ रूपये की धनराशि अनुमोदित की है ।

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