Wednesday, October 12, 2011

11वीं योजना के दौरान निजी क्षेत्र ने बिजली उत्‍पादन का करीब 70 प्रतिशत लक्ष्‍य प्राप्‍त....

11वीं योजना के दौरान निजी क्षेत्र ने बिजली उत्‍पादन का करीब 70 प्रतिशत लक्ष्‍य प्राप्‍त....

11वीं पंचवर्षीय योजना के मध्‍यावधि मूल्‍यांकन के अनुसार निजी क्षेत्र में 19796.5 मेगावाट क्षमता का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है। लोकसभा में आज एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में विद्युत मंत्री श्री के.सी. वेणुगोपाल ने बताया कि 10 अगस्‍त, 2011 तक 69.5 प्रतिशत लक्ष्‍य प्राप्‍त कर लिया गया है। उन्‍होंने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 13761 मेगावाट की क्षमता (थर्मल – 13069 मेगावाट एवं हाइड्रो-692 मेगावाट) 10 अगस्‍त, 2011 तक निजी क्षेत्र द्वारा जोड़ी गई है। श्री वेणुगोपाल ने बताया कि सरकार ने निजी क्षेत्रों समेत बिजली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए बहु स्‍तरीय निगरानी प्रणाली अपनाई है, जो निम्‍नानुसार है –

1. केंद्रीय बिजली प्राधिकरण द्वारा निगरानी स्‍थान पर जाकर लगातार एवं विकासकर्ताओं तथा उपकरण आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत की जाती हैं। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण विकासकर्ताओं तथा अन्‍य साझेदारों के साथ बैठक की समीक्षा करता है तथा आवश्‍यक मुद्दों पर प्रकाश डालता है।

2. बिजली परियोजना निगरानी पैनल द्वारा निगरानी।

11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान लागू थर्मल तथा हाइड्रो विद्युत उत्‍पादन की परियोजनाओं की लक्ष्‍य की निगरानी करने के लिए विद्युत मंत्रालय ने बिजली परियोजना निगरानी पैनल गठित किया है।

3. सरकार द्वारा विभिन्‍न स्‍तरों पर जिनमें विद्युत मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, प्‍लानिंग कमिशन तथा कैबिनेट सचिवालय द्वारा नियमित रूप से समीक्षा की जाती है। इनमें आ रही बाधाओं की पहचान की जाती है तथा अन्‍य महत्‍वपूर्ण मुद्दों का त्‍वरित निपटान किया जाता है।

शहरों के नि‍कट सब्‍जी क्‍लस्‍टरों के लि‍ए 300 करोड़ रूपये....

सरकार ने राष्‍ट्रीय कृषि वि‍कास योजना के अधीन वर्ष 2011-12 के दौरान शहरी क्‍लस्‍टरों के लि‍ए सब्‍जि‍यों संबंधी पहलों पर एक नई योजना शुरू की है, जि‍स पर 300 करोड़ रूपए का प्रावधान कि‍या गया है।

इस योजना के माध्‍यम से प्रत्‍येक राज्‍य में 10 लाख अथवा अधि‍क जनसंख्‍या वाले एक शहर अथवा नगर में बेहतर गुणवत्‍ता वाली सब्‍जि‍यों की आपूर्ति‍ सुनि‍श्‍चि‍त करने पर जोर दि‍या गया है। ऐसे राज्‍यों में जहां 10 लाख की जनसंख्‍या वाला कोई शहर न हो जैसे – पूर्वोत्‍तर और गोवा राज्‍य तो वहां 10 लाख से कम जनसंख्‍या वाले राज्‍य की राजधानी अथवा शहर को इसमें शामि‍ल कि‍या गया है।

देश में सब्‍जि‍यों का उत्‍पादन वर्ष 2005-06 के 11.13 करोड़ टन से बढ़कर वर्ष 2009-10 में 13.37 करोड़ टन हो गया है। इसी प्रकार पि‍छले 5 वर्षों की अवधि‍ में सब्‍जि‍यों की प्रति ‍व्‍यक्‍ति‍ उपलब्‍धता 279 ग्राम प्रति‍दि‍न से बढ़कर 317 ग्राम प्रति‍दि‍न हो गयी है।

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